सरकारी महिला कर्मचारियों को मिला नया अधिकार: बच्चों को पेंशन के लिए नॉमिनेट करने की अनुमति
भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकारी महिलाओं को उनके बच्चों को पेंशन के लिए नॉमिनेट करने का अधिकार प्रदान किया है। नए नियमों के अनुसार, जब पति-पत्नी के बीच मनमुटाव हो या शादी टूटी हो, तो इस स्थिति में बच्चों को पेंशन का लाभ मिल सकता है।
यह अधिकार सरकारी नौकरी करने वाली वैसी सभी महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिनकी शादी टूट गई है। अब ऐसे मामलों में, वह अपने बच्चों को पहले फैमिली पेंशन के लिए नॉमिनेट कर सकती हैं, और यह पेंशन नियम 2021 के नए नियमों के तहत लागू होगा।
पहले के नियमों के अनुसार, एक सरकारी कर्मचारी या सेवानिवृत्त कर्मचारी की मौत पर परिवार को फैमिली पेंशन मिलती थी, जो पहले मृतक के पति या पत्नी को दी जाती थी। लेकिन अब, यदि पति-पत्नी के बीच मनमुटाव है, तो महिला कर्मचारी अपने बच्चों को पहले नॉमिनेट कर सकती हैं। यह नया नियम उन सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा जिनका निधन 1 सितंबर 2021 के बाद हुआ है।
केंद्र सरकार के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) ने इस संशोधन को जारी किया है, जिसके तहत महिला कर्मचारी अब अपने पति की जगह अपने बच्चों को पारिवारिक पेंशन के लिए नामित कर सकती हैं। डीओपीपीडब्ल्यू के सचिव वी श्रीनिवास ने बताया कि यह संशोधन महिला कर्मचारियों को पारिवारिक पेंशन मामलों में अधिकार प्रदान करता है, विशेष रूप से उन मामलों में जहां तलाक या हिंसा के मामले हैं।
इस नए नियम के तहत, महिलाओं को शादी टूटने के बाद पति की निर्भरता से मुक्ति मिलेगी और उनके बच्चों को पेंशन से उनका भविष्य सुरक्षित होगा। यह नियम केवल उन मामलों में लागू होगा जहां शादी टूटी है और बच्चे पात्र हैं, जैसे कि नाबालिग या पढ़ाई कर रहे हैं।
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