Making Hindi Compulsory for Competitive Exams and Instruction in Institutions / प्रतियोगी परीक्षाओं और संस्थानों में शिक्षा के माध्यम के लिए हिंदी भाषा को अनिवार्य बनाना
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF HOME AFFAIRS
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 44
TO BE ANSWERED ON THE 07TH DECEMBER, 2022/ AGRAHAYANA 16, 1944 (SAKA)
MAKING HINDI COMPULSORY FOR COMPETITIVE EXAMS AND INSTRUCTION IN INSTITUTIONS
44. SHRI A. A. RAHIM:
Will the Minister of HOME AFFAIRS be pleased to state:
(a) whether Government intends to make change in the medium of language for competitive exams for government posts and whether question papers will only be in Hindi;
(b) whether Government intends to change the language of medium of instruction in Central Educational Institutions;
(c) whether this change will make Hindi compulsory in all the Central Government offices and institutions; and
(d) if so, why are all the languages in the eighth schedule of the constitution of India not being treated equally?
ANSWER
MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF HOME AFFAIRS
(SHRI AJAY KUMAR MISHRA)
(a): Union Public Service Commission (UPSC) and the Staff Selection Commission (SSC) are major recruiting agencies in Central Government. The preliminary examinations conducted by the UPSC and SSC comprise multiple-choice objective type questions in Hindi and English, wherein the candidate has to tick mark the appropriate answer.
UPSC holds examinations/ recruitment tests for selection of candidates to various Group ‘A’ and Group ‘B’ services/posts, on the basis of the Rules of Examination/ Recruitment Rules, as framed and notified by the concerned Ministry/ Department/ UT/ Statutory Body, including the medium of language. However, in the Civil Services (Mains), examination conducted by UPSC, the candidate has the option to write his answers in any regional language, except in case of language and literature papers.
The medium of examinations conducted by Staff Selection Commission (SSC) is normally Hindi and English. However, Paper-II of Multi-Tasking (non- Technical) Staff Examination is conducted in all the languages, included in the Eighth Schedule of the Constitution. There is no proposal to conduct the examinations of SSC only in Hindi.
(b): National Education Policy (2020) envisages imparting more programs in higher education, using mother tongue/ local language as medium of instruction, and/or offer programs bilingually, in order to increase access and Gross Enrollment Ratio (GER) and also to promote the strength, usage and vibrancy of all Indian Languages.
(c) & (d): Does Not Arise.
भारत सरकार
गृह मंत्रालय
राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संखया 44
बुधवार,7 दिसम्बर, 2022 (16 अग्रहायण, 1944 (शक)) को उत्तर के लिए
प्रतियोगी परीक्षाओं और संस्थानों में शिक्षा के माध्यम के लिए हिंदी भाषा को अनिवार्य बनाना
44. श्री ए. ए. रहीमः
क्या गृह मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या सरकार सरकारी पदों की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भाषा के माध्यम में परिवर्तन करना चाहती है और क्या प्रश्न पत्र केवल हिंदी में होंगे;
(ख) क्या सरकार केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा के माध्यम की भाषा बदलने का विचार रखती है;
(ग) क्या इस परिवर्तन से केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों और संस्थानों में हिंदी अनिवार्य हो जाएगी; और
(घ) यदि हाँ, तो भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची की सभी भाषाओं के साथ समान व्यवहार क्यों नहीं किया जा रहा है?
उत्तर
गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री अजय कुमार मिश्रा)
(क) : संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) एवं कर्मचारी चयन आयोग (एस.एस.सी.), केंद्र सरकार की प्रमुख भर्ती एजेंसियाँ हैं। यूपी.एस.सी. एवं एस.एस.सी. द्वारा संचाल्नित प्रारंभिक परीक्षाओं में बहु-विकल्पी वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न हिंदी और अंग्रेजी में दिए गए होते हैं। इस प्रकार की परीक्षा में उम्मीदवार को, उपयुक्त उत्तर पर टिक मार्क लगाना होता है।
संबंधित मंत्रालय/ विभाग/ संघ राज्यक्षेत्र/ सांविधिक निकाय द्वारा तैयार एवं अधिसूचित परीक्षा नियमों/ भर्ती नियमों, जिनमें भाषा का माध्यम भी शामिलत्र होता है, के आधार पर संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) दवारा वर्ग ‘क’ एवं वर्ग ‘ख” की विभिन्न सेवाओं/ पदों पर
अभ्यर्थियों के चयन हेतु परीक्षा/ भर्ती परीक्षण आयोजित किए जाते हैं। तथापि, यू.पी.एस.सी. दवारा संचालित सिविल्र सेवा (मुख्य) परीक्षा में उम्मीदवारों को यह विकल्प प्राप्त होता है कि वे, भाषा और साहित्य के प्रश्न पत्रों को छोड़कर, किसी भी क्षेत्रीय भाषा में अपने उत्तर लिख सकते हैं।
कर्मचारी चयन आयोग (एस.एस.सी.) दवारा आयोजित परीक्षाओं का माध्यम सामान्यतः हिंदी एवं अंग्रेजी होता है। तथापि, मल्टी-टास्किंग (गैर-तकनीकी) कर्मचारी परीक्षा का पेपर-॥, संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में संचालित किया जाता है। कर्मचारी चयन आयोग (एस.एस.सी.) की कोई परीक्षा, केवल हिंदी में संचालित किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
(ख) : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) में यह परिकल्पना की गई है कि मातृभाषा/ स्थानीय भाषा का प्रयोग शिक्षा के माध्यम के रूप में करते हुए उच्चतर शिक्षा में; पहले से अधिक शैक्षणिक कार्यक्रम उपलब्ध कराये जाएं और/या शैक्षणिक कार्यक्रम दृविभाषी रूप में उपलब्ध कराये जाएं ताकि इनकी पहुंच तथा सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) बढ़ाया जा सके और सभी भारतीय भाषाओं की शक्ति, उपयोग एवं जीवंतता को भी बढ़ावा दिया जा सके।
(ग) और (घ) : प्रश्न नहीं उठता।
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