Right to Sit legislations under the Occupational Safety, Health and Working Conditions Code, 2020 व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य कार्य स्थिति संहिता, 2020 में बैठने का अधिकार कानून
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF LABOUR AND EMPLOYMENT
LOK SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 2029
TO BE ANSWERED ON 14.03.2022
RIGHT TO SIT LEGISLATIONS
2029. SHRI FEROZE VARUN GANDHI:
Will the Minister of LABOUR AND EMPLOYMENT be pleased to
state:
(a)whether the Government is aware of the ‘right to sit’ legislations passed by states, including Kerala and Tamil Nadu which requires shops, storefronts, and commercial establishments to provide employees with seating facilities;
(b)whether the Ministry recognises that the unavailability of seating facilities for long hours resulting in the employees standing for the entire duration of their work days has adverse effects on their health;
(c)whether the Ministry has assessed the adverse effects of the same, and if so, the details thereof; and
(d)whether the Ministry plans to incorporate the right to sit in Occupational Safety Health Working Conditions Code, 2020?
ANSWER
MINISTER OF STATE FOR LABOUR AND EMPLOYMENT
(SHRI RAMESWAR TELI)
(a): “Labour” is in the Concurrent List of the Constitution. Hence, both Central and State Government can legislate in their respective spheres. As per available information, the Government of Kerala and Tamil Nadu have legislated to provide seating facilities for employees during the course of their work in their Acts relating to Shops and Establishments.
(b) to (d): Section 44 of The Factories Act, 1948 inter alia provides for suitable arrangements for sitting so that all workers may take advantage of any opportunities for rest which may occur in the course of their work.
The Occupational Safety, Health and Working Conditions Code, 2020 also envisages responsibility to the employer for providing and maintaining welfare facilities to employees in his establishment, including sitting arrangements for all employees obliged to work in a standing position.
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भारत सरकार
श्रम और रोजगार मंत्रालय
लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संखया 2029
सोमवार, 14 मार्च, 2022/23 फाल्गुन, 1943 (शक)
बैठने का अधिकार कानून
2029 श्री फिरोज वरूण गांधी:
क्या श्रम और रोजगार मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या सरकार केरल और तमिलनाडु सहित राज्यों द्वारा पारित बैठने का अधिकार” कानूनों से अवगत है जिसमें दुकानों, स्टोरफ्रंट और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए यह आवश्यक है कि वहां कर्मचारियों को बैठने की सुविधा प्रदान की जाए;
(ख) क्या मंत्रालय यह स्वीकार करता है कि लंबे समय तक बैठने की सुविधाओं की अनुपलब्धता के परिणमास्वरूप कर्मचारी अपने कार्य दिवसों की पूरी अवधि के लिए खड़े रहते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है;
(ग) कया मंत्रालय ने इसके प्रतिकूल प्रभावों का आकलन किया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और
(घ) कया मंत्रालय की व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य कार्य स्थिति संहिता, 2020 में बैठने के अधिकार को शामिल करने की योजना है?
उत्तर
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री
(श्री रामेश्वर तेली)
(क): “श्रम” संविधान की समवर्ती सूची में शामिल है। इसलिए, केंद्र और राज्य सरकार दोनों अपने-अपने क्षेत्रों में कानून बना सकते हैं। उपलब्ध सूचना के अनुसार, केरल और तमिलनाडु सरकार ने अपने अधिनियमों में दुकानों और प्रतिष्ठानों से संबंधित कर्मचारियों को उनके कार्य के दौरान बैठने की सुविधा प्रदान करने के लिए कानून बनाया है।
(ख) से (घ): कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 44 में अन्य बातों के साथ-साथ बैठने के लिए उपयुक्त व्यवस्था का प्रावधान है ताकि सभी कामगार अपने कार्य के दौरान कभी भी समय मिलने पर विश्राम कर सकें। व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशाएं संहिता, 2020 में भी नियोक््ता को अपने प्रतिष्ठान में कर्मचारियों को कल्याणकारी सुविधाएं प्रदान करने और अनुरक्षित करने हेतु जिम्मेदारी की परिकल्पना की गई है, जिसमें खड़े होकर कार्य करने के लिए बाध्य सभी कर्मचारियों के लिए बैठने की व्यवस्था शामिल् है।
Source: Loksabha Q&A
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