7th Pay Commission: 1 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाखों का नुकसान, DA से लेकर ग्रेच्युटी तक का फंसा है पैसा: TV9 भारतवर्ष

7th Pay Commission: 1 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाखों का नुकसान, DA से लेकर ग्रेच्युटी तक का फंसा है पैसा: TV9 भारतवर्ष

7th Pay Commission: 1 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाखों का नुकसान, DA से लेकर ग्रेच्युटी तक का फंसा है पैसा: TV9 भारतवर्ष

करीब 18 महीने से इंतजार कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक राहत की खबर रविवार को आई, जिसमें कहा गया है कि उन्हें 1 जुलाई से मिलने वाला महंगाई भत्‍ता. मौजूदा समय में यह 17 फीसदी है, जो अब बढ़कर 28 फीसदी तक पहुंच जाएगा. हालांकि इसकी अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई. अगर सरकार एक जुलाई से ये लागू भी कर देती है तो उन कर्मचारियों का क्या होगा जो 30 जून को रिटायर हो रहे हैं. साथ ही उनका क्या जिनके वेतन में कटौती का ऐलान किया गया था. अगर इसके पूरे गणित को समझें तो पाएंगे कि इस फैसले से एक बड़े तबके को केवल डीए में ही नहीं लीव इन्कैशमेंट और ग्रेच्युटी में भी भारी नुकसान होगा.

Freezing of DA/DR

बैकिंग एक्सपर्ट और वॉयस ऑफ बैकिंग के फाउंडर अश्विनी राणा ने टीवी9 हिन्दी को बताया कि 18 महीने से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्तों की तीन किस्तों जो की लगभग 11 प्रतिशत होता है नहीं मिल रहा है. देश में लगभग 50 लाख केन्द्रीय कर्मचारी और 50 लाख पेंशनर्स हैं. देश में कोरोना महामारी के आगमन के कारण बीते साल अप्रैल में ही क्रेंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में कटौती का ऐलान किया था.

पेंशनर्स को दोहरा नुकसान

राणा का कहना है कि सरकार ने बीते साल में 1 जनवरी, 2020 और 1 जुलाई, 2020 को केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्तों की किस्त पर रोक लगा दी थी. इस रोक के कारण कर्मचारियों और पेंशनर्स को दोहरा नुक्सान हो रहा है एक तरफ वह महंगाई की मार झेल रहे हैं दूसरी और 18 महीने से महंगाई भत्ता नहीं मिला है. महंगाई भत्ता कोई एहसान नहीं होता बल्कि महंगाई की क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जाता है.

7th-pay-commission-know-how-pensioners-and-central-govt-employees-in-loss

ग्रेचुय्टी और लीव इनकैश्मेंट में भी नुकसान

जो कर्मचारी 30 जून 2021 तक सेवानिवृत होने वाले हें उनको और भी ज्यादा नुकसान होगा क्योंकि ग्रेचुय्टी और लीव इनकेश्मेंट की गणना बेसिक पे और महंगाई भत्ते के आधार पर होती है. यदि सरकार महंगाई भत्ते के क़िस्त जारी करने की घोषणा 1 जुलाई से करती है तो इन कर्मचारियों को न तो 18 महीने का महंगाई भत्ते का एरियर मिलेगा और ग्रेचुय्टी और लीव इनकेश्मेंट में भी भारी नुक्सान होगा. इसलिये सरकार को महंगाई भत्ते को 1 जनवरी 2020 से जारी करना चाहिए .

18 महीने के एरियर का क्या

केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाली महंगाई भत्तों की तीन किस्तों को लेकर एक बड़ी घोषणा हो सकती है कि ये सभी किस्तें नई दर के आधार पर 1 जुलाई 2021 से मिले लेकिन पिछले 18 महीनों का एरियर मिलेगा या नहीं सरकार ने अभी कुछ नहीं कहा है. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कुछ महीनों पहले यह घोषणा की थी कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की किस्तें जुलाई माह में जारी की जा सकती हैं. केंद्र सरकार को जल्द ही देश के सभी केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत देनी चाहिए ताकि महंगाई की मार झेल रहे कर्मचारियों और पेंशनर्स को इसका लाभ मिल सके.

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17 से 28 फीसदी का गणित

अभी तक कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 17 फीसदी की दर के आधार पर दिया जा रहा था. अब यह नई दर 28 फीसदी के आधार पर जारी किया जाना चाहिए. जनवरी, 2020 में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई थी. इसके बाद जून, 2020 में महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई थी. जनवरी, 2021 में भी महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई थी. इस कुल बढ़ोत्तरी के साथ अब केंद्रीय कर्मचारियों को 28 प्रतिशत दर के आधार पर महंगाई भत्ता मिलना चाहिए.

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