Litigation for Old Pension Scheme / पुरानी पेंशन योजना के लिए मुकदमेबाजी
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग)
राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न स॑ 2673
(दिनांक 18.03.2021 को उत्तर देने के लिए)
पुरानी पेंशन योजना के लिए मुकदमेबाजी
2673. श्री नीरज शेखर:
श्रीमती छाया वर्मा:
श्री विशंभर प्रसाद निषाद:
चौधरी सुखराम सिंह यादव:
क्या प्रधानमंत्री दिनांक 4 फरवरी, 2021 को राज्य सभा में अतारांकित प्रश्न 428 के दिए गए उत्तर को देखेंगे और यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या दिल्ली उच्च न्यायालय ने डब्ल्यू.पी. (सी) 8208/2020 और अन्य विभिन्न मामलों में 15/01/2021 को केंद्रीय सरकार के राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के अंतर्गत आने वाले उन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत लाने का आदेश दिया है जिनका चयन संबंधी परिणाम 31/12/2003 के पश्चात घोषित किया गया था, जबकि भर्ती का विज्ञापन राष्ट्रीय पेंशन योजना के लागू होने से पहले जारी किया गया था;
(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस संबंध में की गई / प्रस्तावित कार्रवाई क्या है; और
(ग) समान मामलों में उच्चतम न्यायालय / उच्च न्यायात्रयों के हाल के निर्णयों के बावजूद उपर्युक्त के अनुसार सभी के लिए सामान्य आदेश जारी नहीं करने और अपने ही अधिकारियों को कार्यालय में उपस्थित होने के बजाय अनावश्यक मुकदमेबाजी करने के लिए मजबूर करने का क्या औचित्य है, जिससे जनता के पैसे की बर्बादी हो रही है?
उत्तर
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री
(डॉ. जितेंद्र सिंह)
(क) से (ग): नई अंशदायी पेंशन योजना (जो अब राष्ट्रीय पेंशन योजना के रूप में जानी जाती है) आर्थिक कार्य विभाग द्वारा जारी दिनांक 22 दिसंबर, 2003 की अधिसूचना द्वारा शुरू की गई थी। इस अधिसूचना के अनुसार, यह नई योजना 01.01.2004 से केंद्र सरकार में हुई सभी नई भर्तियों के लिए अनिवार्य थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर की गई रिट याचिका सं. 8208/2020 और कई अन्य रिट याचिकाओं में याचिकाकर्ता जून, 2003 और सितंबर, 2003 में जारी विज्ञापन तथा जनवरी, 2004 में सम्पन्न हुए परीक्षा के आधार पर जून / जुलाई, 2004 में उनके चयन के उपरांत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में विभिन्न पदों पर भर्ती हुए थे। याचिकाकर्त्ताओं ने 01.01.2004 से पूर्व पद के लिए जारी विज्ञापन के आधार पर पुरानी पेंशन योजना के लाभ को विस्तारित करने की प्रार्थना की थी। दिनांक 15.01.2021 के इसके सामान्य आदेश में, माननीय उच्च नयायात्रय ने इन रिट याचिकाओं की अनुमति दी और प्रत्येक याचिकाकत्ती को पुरानी पेंशन योजना के लाभ विस्तारित करने का आदेश दिया है।
कुछ अन्य मामलों में न्यायात्रयों के निर्णयों को देखते हुए और उन कर्मचारियों, जो 01.01.2004 से पूर्व चयन होने पर, 01.01.2004 के पश्चात सरकारी सेवा में भर्ती हो पाए, की शिकायतों का समाधान करने हेतु, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग दवारा दिनांक 17 फरवरी, 2020 को निर्देश जारी किए गए थे कि उन सभी मामलों में, जहां दिनांक 31.12.2003 को या उससे पूर्व होने वाली रिक्तियों के सापेक्ष, भर्ती के लिए परिणाम दिनांक 01.01.2004 से पूर्व घोषित किए गए थे, भर्ती के लिए सफल घोषित किए गए अभ्यर्थी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 1972 के तहत कवर किए जाने के पात्र होंगे। हालांकि, दिनांक 22.12.2003 की अधिसूचना और दिनांक 17.02.2020 के का.ज्ञा. के अनुसार, रिक्तियाँ के लिए विज्ञापन की तिथि को पुरानी पेंशन योजना के तहत कवरेज के लिए पात्रता निधारित करने के लिए प्रासंगिक नहीं माना जाता है। अतः रिट याचिका सं. 8208/2020 और अन्य संबंधित रिट याचिकाओं में माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के दिनांक 15.01,2021 के आदेश के खिलाफ माननीय उच्चतम न्यायात्रय के समक्ष एसएलपी (विशेष अवकाश याचिका) दायर करने का निर्णय लिया गया है।
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Source : Rajyasabha (ENGLISH / HINDI)
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