8वां वेतन आयोग : न्यूनतम वेतन एवं फिटमेंट फैक्टर का आकलन
केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दे दी गई है। इससे केन्द्रीय कर्मियों एवं पेंशनभोगियों में खुशी का माहौल है। वेतन आयोग के गठन की मंंजूरी के बाद अब हर किसी का ध्यान वेतन और पेंशन संशोधन के लिए फिटमेंट फैक्टर और अन्य प्रावधानों पर केंद्रित हो गया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार विभिन्न कर्मचारी यूनियनों द्वारा फिटमेंट फैक्टर गुणक 2.0 से लेकर 2.86 तक की मांग की जा रही है। कर्मचारी यूनियनें यह भी चाहती है कि 8वां वेतन आयोग डॉ. ऐक्रॉयड के फॉर्मूले पर आधारित न्यूनतम जीवन निर्वाह वेतन को संशोधित करे।
आपको बताते चलें कि डॉ. ऐक्रॉयड का फॉर्मूला 20वीं सदी के अमेरिकी पोषण विशेषज्ञ वालेस आर. ऐक्रॉयड से संबंधित है। यह फॉर्मूला एक आम व्यक्ति की टोकरी में शामिल विभिन्न वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को ध्यान में रखता है, जिसकी समीक्षा शिमला में श्रम ब्यूरो द्वारा समय-समय पर की जाती है।
उल्लेखनीय है कि 7वें वेतन आयोग ने 2016 में न्यूनतम वेतन ₹18,000 तक पहुंचने के लिए ऐक्रॉयड के फॉर्मूले का ही उपयोग किया था।
विभिन्न कर्मचारी यूनियनों का यह भी मानना है कि 8वां वेतन आयोग वेतन अपनी सिफारिशों के लिए वर्तमान मुद्रास्फीति की गति को ध्यान में रखेगा।
वर्तमान में न्यूनतम वेतन 7,000 है तथा न्यूनतम पेंशन 9,000 प्रति माह है। यदि वेतन आयोग कर्मचारी यूनियनों की मांगों के अनुरूप अपनी सिफारिश करती है तो न्यूनतम वेतन 51,000 तक हो सकता हैै। इसके लिए वेतन आयोग को फिटमेंट फैक्टर के रूप में कम-से-कम 2.86 तक फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश करनी होगी।
न्यूनतम वेतन | न्यूनतम पेंशन | |
यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 हुआ तो | (₹18,000 X 2.0 = ₹36,000) | (₹9,000 X 2.0 = ₹18,000) |
यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 हुआ तो | (₹18,000 X 2.86 = ₹51,480) | (₹9,000 X 2.86 = ₹25,740) |
फिटमेंट फैक्टर का प्रयोग वर्तमान केन्द्रीय कर्मियों के न्यूनतम वेतन बढ़ाने के साथ ही पेंशन भोगियों के पेंशन संशोधन के लिए होता है।
8वें वेतन आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों के औपचारिक रूप से नियुक्त होने के बाद, आयोग विभिन्न हितधारकों जैसे – सार्वजनिक उपक्रम, राज्य सरकारें, केंद्रीय ट्रेड यूनियन और कर्मचारी मंच आदि के साथ विचार-विमर्श करेगा और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, जिसमें वेतन और भत्ते संशोधन के लिए प्रस्तावित फिटमेंट फैक्टर और अन्य प्रावधान शामिल होंगे।
वेतन आयोग का गठन 10 वर्षों में एक बार होता है, केन्द्रीय कर्मी निश्चित रूप से 7वें वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित फिटमेंट फैक्टर से अधिक की कर रहे हैं।
7वें वेतन आयोग ने 2.57 के फिटमेंट फैक्टर का प्रस्ताव दिया था। इसे सरकार ने स्वीकार कर लिया और केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दिया गया। इसी तरह, न्यूनतम पेंशन ₹3,500 से बढ़कर ₹9,000 हो गई।
स्रोत: मिडिया रिर्पोट।
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