पदोन्नति पर कर्मचारियों को कार्यभार मुक्त करने के संबंध में अनुदेश: RBE No. 90/2022
आरबीई सं. 90
भारत सरकार/GOVERNMENT OF INDIA
रेल मंत्रालय/MINISTRY OF RAILWAYS
(रेलवे बोर्ड/ RAILWAY BOARD)
सं. ई(एनजी)I/2020/पीएम1/11
नई दिल्ली, दिनांक 01.08.2022
महाप्रबंधक (कार्मिक),
सभी क्षेत्रीय रेलें/उत्पादन इकाइयां
(मानक डाक सूची के अनुसार)
विषय: पदोन्नति पर कर्मचारियों को कार्यभार मुक्त करने के संबंध में अनुदेश।
संदर्भ: बोर्ड का (i) दिनांक 03.08.1995 का पत्र सं. ई(एनजी)I/95/पीएम1/8 (ii) दिनांक 09.05.1991 का पत्र सं. ई(एनजी)I-90/पीएम1/11 और (iii) दिनांक 11.07.1997 का पत्र सं. ई (एनजी)-97/पीएम1/13.
बोर्ड के उक्त संदर्भित पत्रों में अंतर्विष्ट अनुदेशों के अनुसार, रेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है कि पदोन्नत कर्मचारियों को बिना किसी देरी के कार्यभार मुक्त किया जाए ताकि वे पदोन्नति पर तैनाती के स्थान पर समय से कार्यभार ग्रहण कर सके और इसके कारण उन्हें कोई आर्थिक हानि न हो। अनुदेशों में यह भी नियत है कि जहां-कहीं कर्मचारियों को पदोन्नति आदेश जारी होने के तीन माह के भीतर भी कार्यभार मुक्त नहीं किया जाता है, ऐसे मामलों को मंडल रेल प्रबंधक अथवा कार्यालय अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत किया जाए और संबंधित अधिकारी को कार्यभार मुक्त नहीं करने के लिए नियंत्रण अधिकारी को उत्तरदायी ठहराया जाए।
बोर्ड के ध्यान में कुछ मामले आए हैं कि पदोन्नति पर कर्मचारियों को प्रशासनिक आधार अथवा किसी अन्य आधार पर प्रशासन द्वारा कार्यभार मुक्त नहीं किया गया है जिसके परिणामस्वरूपः संबंधित कर्मचारी के वेतन में वृद्धि आदि का दावा किया गया है। एनएफआईआर द्वारा भी इस मामले को पीएनएम के फोरम में उठाया गया है।
इस मामले की जांच की गई है और कर्मचारियों को पदोन्नति पर समय से कार्यभार मुक्त करने के संबंध में अनुदेशों को दोहराने का विनिश्चय किया गया है।
तदनुसार, कर्मचारियों को पदोन्नति पर समय से कार्यभार मुक्त करने से संबंधित उक्त पत्रों में अंतर्विष्ट अनुदेशों को दोहताते समय यह वांछा की जाती है कि इन अनुदेशों का कड़ाई से पालन किया जाए ताकि संबंधित कर्मचारी को इस कारण कोई आर्थिक हानि न हो।
कृपया पावती दें।
(संजय कुमार)
उप निदेशक स्थापना (एन)
रेलवे बोर्ड
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